हार्दिक अभिनन्‍दन

देवी मां आप पर कृपालु हों। माता के दरबार में आपका हार्दिक अभिनन्‍दन।

Tuesday, February 15, 2011

जय जय मां छिन्‍नमस्‍तके



जय जय मां छिन्‍नमस्‍तके
अम्बिके जय जय मां छिन्‍नमस्‍तके
संकट से त्राण करो
जग का निर्माण करो
भक्‍तों में प्राण भरो मां।
दामोदर भैरवी का संगम वह धाम है
हरी-भरी धरती का रजरप्‍पा नाम है
जहां तेरे भक्‍तों का होता हर काम है
भ‍क्‍तों में प्राण भरो मां।
सिसक रही मानवता दानवता मस्‍त है
संतों का साहस तो पूरी तरह पस्‍त है
सच्‍चा ईमानदार पल-पल संत्रस्‍त है
उनका उत्‍थान करो मां।
अंधों को आंख देती कोढी को काया
निर्धन धनवान बनें पा के तेरी माया
भक्‍तों पर पडे. नहीं दुष्‍टों की छाया
सबका कल्‍याण करो मां
जय जय मां छिन्‍नमस्‍तके।
-विनय कुमार पाण्‍डेय

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